पर्ची काउंटर के बगल में बनाया जाये इमरजेंसी वार्ड
बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर
जोखिम तब और बढ़ जाता है जब सांप काटने जैसी घटना पर पैदल ना चलने की सलाह दी जाती है लेकिन वहां मरीजों को पर्ची के साथ 14 नंबर वार्ड में पैदल ही भेजा जाता है और परिजन भटकते हुए रोते चिल्लाते इनसे उनसे पूछते 14 नंबर वार्ड में पहुँचते हैं और अगर मरीज के साथ कोई एक दो लोग ना हो तो अस्पताल पहुंचने के बाद भी डॉक्टर तक पहुंचने की जद्दोजहद देखा जा सकता है।
जंगल कौड़िया ब्लाक के उस्का गांव निवासी राघवेद्र सिंह ने सीएम योगी को पत्र भेजकर कहा क़ि आकस्मिक मरीजों को 14 नंबर वार्ड तक जाने में होती है परेशानी.
गोरखपुर 19 जुलाई
बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में इमरजेंसी वार्ड को पर्ची काउंटर के बगल में स्थापित करने की मांग जंगल कौड़िया ब्लाक के उस्का गाँव निवासी राघवेंद्र सिंह ने सीएम योगी से किया है.
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में जो इमरजेंसी काउंटर बना हुआ है वहां पर कोई भी इमरजेंसी केस जाने पर पर्चा बनाकर 14 नंबर वार्ड में भेजा जाता है जो इमरजेंसी गेट से लगभग 300 मीटर की दूरी पर प्रथम तल पर बना हुआ है। कोई भी इमरजेंसी केस जाने पर 14 नंबर वार्ड में पहुंचने के लिए इधर-उधर भटकना और पूछना पड़ता है क्योंकि वहां पर बहुत सारे आम गरीब निरीक्षर,अनपढ़ भी इलाज के लिए पहुंचते हैं जो वहां पर लगे इंडिकेटर या बताए गए रास्ते को समझ नहीं पाते और गोल्डन आवर गवा देते हैं जिससे मरीजों की जान जाने का जोखिम बढ़ जाता है।

इमरजेंसी वार्ड ऐसी जगह बनाए जाएं जहां पर मरीज के पहुंचते ही रजिस्ट्रेशन के साथ उपचार शुरू हो सके और उसको इधर उधर भटकना न पड़े और मरीज के साथ कोई ना भी हो तो स्वतंत्र रूप से मरी घायल का इलाज हो सके क्योंकि इमरजेंसी में 300 मीटर भी जाने में जो समय लगता है और जो समस्या होती है उसमें अकारण भी जान जा सकती है जो मरीज, समाज या सरकार के हित में कतई नहीं है।
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